कंप्यूटर का वर्गीकरण | Classification of Computer in Hindi
हेल्लो, दोस्तों…कैसे ही आप? आज हम जानेगे कंप्यूटर का वर्गीकरण | Classification of Computer in hindi के बारे में की कंप्यूटर का वर्गीकरण क्या है? और एनालॉग और डिजिटल कंप्यूटर क्या है? डिजिटल कंप्यूटर में पांच श्रेणियों के बारे में जानेगे।
कंप्यूटर को कई अलग-अलग तरीकों से वर्गीकृत किया जा सकता है, हम आकार के आधार पर कंप्यूटरों के वर्गीकरण का अध्ययन करेंगे। कंप्यूटर का आकार अक्सर उसके कार्य और प्रसंस्करण क्षमता (processing capacity) को निर्धारित करता है।
कंप्यूटर का वर्गीकरण Classification of Computer उनमें इस्तेमाल होने वाली तकनीक के आधार पर किया गया था कंप्यूटर का वर्गीकरण उनके प्रदर्शन, आकार तथा कीमत के आधार और कंप्यूटर की क्षमता पर भी किया जा सकता है। कंप्यूटर का प्रदर्शन इस बात पर निर्भर करता है कि वह डेटा किस गति से संसाधित करता है, इसकी संग्रहण क्षमता तथा इनपुट व आउटपुट डिवाइस को संचालन करने की क्षमता कितनी है। गणना की क्षमता के आधार पर कंप्यूटर्स को इस प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है।
कंप्यूटर दो बुनियादी प्रकार के होते हैं – एनालॉग कंप्यूटर और डिजिटल कंप्यूटर।
एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)
एनालॉग कंप्यूटर डेटा फिसिकल मात्राओं में प्रस्तुत करता है। फिसिकल मात्रा इलेक्ट्रिसिटी, वोल्टेज इत्यादि हो सकता है। एनालॉग कंप्यूटर उनका कार्यसाधान करके इस फिसिकल डेटा पर प्रचालित करता है। डेटा की प्रक्रिया करने के लिए इसका डिज़ाईन किया गया है जिसमें परिवर्तनीय मात्राएँ निरंतर बदलता रहता है। एनालॉग कंप्यूटर का प्रधान घटक है ऑपरेशनल एम्प्लिफायर।
एनालॉग कंप्यूटर का कार्य क्षमता उसमें प्राप्त एम्प्लिफायर की संख्या पर निर्भर है। एम्प्लिफायर इलेक्ट्रिक सिग्नल को महसूस करने के लिए उपयोग करनेवाले डिवाईज़ हैं। यह कमजोर इलेक्ट्रिक सिग्नल को लेकर मज़बूत सिग्नल को भेजता है। रेडियो, टेलिविशन और टेलिफोन जैसे इलेक्ट्रिक डिवाईज़ में इलेक्ट्रिक सिग्नल को बढ़ाने के लिए एम्प्लिफायर का उपयोग किया जाता है।
इंटग्रेटेड चिप्स के आगमन और टेक्नोलॉजी में प्रबल विकासों के कारण एनालॉग कंप्यूटर अप्रयुक्त हो गया है।
डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer)
डिजिटल कंप्यूटर एक प्रोग्रामेबल-क्लॉक्ड सीक्वेंशियल स्टेट मशीन है। एक डिजिटल कंप्यूटर असतत अवस्थाओं (discrete states) प्रयोग करता है।
एक बाइनरी डिजिटल कंप्यूटर दो अलग-अलग discrete states का उपयोग करता है, जैसे positive/negative, high/low, on/off, बाइनरी अंक शून्य और एक का प्रतिनिधित्व करने के लिए उपयोग किया जाता है। वे डेटा को संसाधित करते हैं, जो अनिवार्य रूप से एक द्विआधारी (binary) स्थिति में है। अब इन दिनों, हम शायद ही कभी नियमित जीवन में एनालॉग कंप्यूटरों के सामने आए हों।
डिजिटल कंप्यूटर एक चिंगारी के सामान इतना जल्दी विकसित नहीं हुआ है। इसे आज के सबसे उपयोगी उपकरण के रूप में उभरने में पांच दशक से अधिक का समय लगा। आइए एक नजर डालते हैं इसके डिजिटल कंप्यूटर के प्रकारों को –
डिजिटल कंप्यूटर को पांच श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है –
- माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)
- वर्कस्टेशन कंप्यूटर (Workstation Computer)
- मिनी कंप्यूटर (Mini Computer)
- मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mainframes Computer)
- सुपर कंप्यूटर (Super Computer)
माइक्रोकम्प्यूटर (Microcomputers)
माइक्रोकम्प्यूटर्स को पर्सनल कम्प्यूटर (PC’s) भी कहा जाता है। इनकी संसाधन गति सीमित होती है। ये कठिन कार्य करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये मुख्यत: डेस्कटॉप पब्लिशिंग, अकाउंटिंग, सांख्यिकीय, विश्लेषण तथा ग्राफिक्स डिज़ाइनिंग के लिए उपयोग किए जाते हैं। IBM PC, PS/2 तथा Macintosh माइक्रोकम्प्यूटर्स के कुछ उदाहरण हैं।
माइक्रो कंप्यूटर को पर्सनल कंप्यूटर भी कहा जाता है, सदी के अंत में माइक्रोकंप्यूटर आम प्रकार का कंप्यूटर बन गया है। सबसे प्रसिद्ध प्रारंभिक प्रणाली अल्टेयर 1800 थी, जो की 1975 में पेश किया गया था। माइक्रो कंप्यूटर को हम बहुत से रूप में देख देख सकते हैं। जैसे कि नीचे में बताए गए हैं।
इन कंप्यूटरों में शामिल हैं –
डेस्कटॉप कंप्यूटर – डेस्कटॉप कंप्यूटर होता है जो हम डेस्क पर रख सकते हैं, इसका उपयोग वैकल्पिक हो सकता है और आवश्यकता अनुसार आकार भिन्न हो सकता है। इस प्रकार के छोटे कंप्यूटरों को हम मॉनिटर में जोड़ सकते हैं।
इन-कार कंप्यूटर – मनोरंजन, नेविगेशन आदि के लिए ऑटोमोबाइल के लिए निर्मित है।
लैपटॉप और नोटबुक कंप्यूटर – पोर्टेबल और सभी एक मामले में है।
टैबलेट कंप्यूटर – लैपटॉप की तरह है, लेकिन इसमें टच-स्क्रीन के साथ होता है, यह पूरी तरह से भौतिक कीबोर्ड माउस की जगह के बिना होता है।
स्मार्टफोन, स्मार्टबुक और पामटॉप कंप्यूटर – सीमित हार्डवेयर विनिर्देशों वाले छोटे हैंडहेल्ड पर्सनल कंप्यूटर होता है, इसे कही भी ले जा सकते है, क्योंकि यह हैंडहेल्ड कंप्यूटर होता है आज कल इसकी चलन बहुत जोरो से हो रही है।
प्रोग्राम करने योग्य कैलकुलेटर – छोटे हैंडहेल्ड की तरह, लेकिन गणितीय कार्यों में विशिष्ट।
वीडियो गेम कंसोल – विशेष रूप से मनोरंजन के उद्देश्य से बनाए गए फिक्स्ड कंप्यूटर है।
वर्कस्टेशन कंप्यूटर (Workstation Computer)
वर्कस्टेशन एक कंप्यूटर स्टेशन है जो इंजीनियरिंग अनुप्रयोगों (सीएडी / सीएएम), डेस्कटॉप प्रकाशन, सॉफ्टवेयर विकास, और अन्य ऐसे प्रकार के अनुप्रयोगों के लिए उपयोग किया जाता है, जिसमें कंप्यूटिंग शक्ति और अपेक्षाकृत उच्च गुणवत्ता वाले ग्राफिक्स क्षमताओं की एक मध्यम राशि की आवश्यकता होती है।
वर्कस्टेशन आम तौर पर एक बड़ी, उच्च-रिज़ॉल्यूशन ग्राफिक्स स्क्रीन, बड़ी मात्रा में रैम, इनबिल्ट नेटवर्क समर्थन और एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस के साथ आते हैं। अधिकांश वर्कस्टेशन में एक डिस्क स्टोरेज डिवाइस भी होता है जैसे डिस्क ड्राइव, लेकिन एक विशेष प्रकार का वर्कस्टेशन, जिसे डिस्कलेस वर्कस्टेशन कहा जाता है, डिस्क ड्राइव के बिना आता है। कार्यस्थानों के लिए सामान्य ऑपरेटिंग सिस्टम UNIX और Windows NT हैं।
पीसी की तरह, वर्कस्टेशन भी पीसी की तरह एकल उपयोगकर्ता कंप्यूटर होते हैं, लेकिन आमतौर पर स्थानीय-क्षेत्र नेटवर्क बनाने के लिए एक साथ जुड़े होते हैं, हालांकि उन्हें स्टैंड-अलोन सिस्टम के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
मिनीकम्प्यूटर (Minicomputers)
मिनीकम्प्यूटर छोटे तथा सामान्य उपयोग के लिए होते हैं। मिनीकम्प्यूटर, माइक्रोकम्प्यूटर की तुलना में अधिक जटिल कार्य कर सकते हैं। ये मध्यम आकार के संगठनों में डेटा प्रोसेसिंग तथा प्रयोगों के परिणामों का विश्लेषण करने के काम में आते हैं। ये उत्पादन प्रक्रिया पर नियंत्रण तथा निरीक्षण के लिए काम में आते हैं। PDP 11/42 तथा VAX 11 आदि मिनीकम्प्यूटर्स के कुछ उदाहरण हैं।
मेनफ्रेम्स (Mainframes)
मिनीकम्प्यूटर की तुलना में मेनफ्रेम ज्यादा शक्तिशाली, अधिक तेज तथा महंगे होते हैं। इनकी संसाधन गति तेज होती है और ये जटिल प्रकार की कम्प्यूटिंग के लिए उपयोगी हैं। ये बड़े पैमाने पर डेटा का संग्रहण कर सकते हैं। ये वृहद क्षेत्र नेटवर्क (Wide Area Network) में कार्य करते हैं। इस नेटवर्क में सैटेलाइट के जरिए संचार के कार्य एक देश से दूसरे देश में होते हैं। IBM 3000 सिरीज़ तथा Univac 1180 मेनफ्रेम के कुछ उदाहरण हैं।
सुपरकम्प्यूटर (Supercomputer)
मैनफ्रेम की तुलना में सुपरकम्प्यूटर ज्यादा शक्तिशाली तथा अधिक तेज होते हैं। ये सबसे महंगे कम्प्यूटर हैं। संसार में करीब 500 सुपर कम्प्यूटर हैं। इन कम्प्यूटर्स का उपयोग मौसम की भविष्यवाणी, जैवचिकित्सा, वैज्ञानिक गणना तथा एयरक्राफ्ट डिज़ाइनिंग के लिए किया जाता है। इनका उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों जैसे ऑटोमोबाइल डिज़ाइनिंग के लिए भी किया जाता है। भारत के पास सुपर कम्प्यूटर की एक सिरीज़ है जिसे परम (PARAM) कहा जाता है तथा इसका विकास C-DAC द्वारा किया गया है।
आप ने क्या सीखा?
इस पेज में हमने Classification of Computer in Hindi | कंप्यूटर का वर्गीकरण के बारे में बेहतर ढंग से समझाने की कोशिश की है, मैं आशा करता हूँ की आपको कंप्यूटर के वर्गीकरण के बारे में अच्छे से जानकारी हो गयी है।
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